मकर संक्रांति सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह त्योहार हर साल उस दिन मनाया जाता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस पावन अवसर पर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान का विशेष महत्व है, जिसके बाद पूजा, तप, और दान-पुण्य का अनुष्ठान किया जाता है। सनातन धर्म के शास्त्रों के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान से जाने-अनजाने किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। सूर्य देव की उपासना करने से आरोग्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा और अन्य पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं। इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। हालांकि, मकर संक्रांति की सही तिथि को लेकर अक्सर भ्रम रहता है। आइए जानते हैं मकर संक्रांति 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
मकर संक्रांति 2025 की तिथि | Makar Sankranti 2025 Date
वैदिक पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति माघ माह की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में गोचर करेंगे। 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन के शुभ समय निम्नलिखित हैं:
- पुण्य काल (स्नान और दान का समय): सुबह 9:03 से शाम 5:46 तक
- महा पुण्य काल: सुबह 9:03 से 10:48 तक
- संक्रांति का सटीक समय: सुबह 9:03
इन समयों के दौरान स्नान, ध्यान, पूजा और दान करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
सूर्य का राशि परिवर्तन (सूर्य गोचर 2025)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 14 जनवरी 2025 को सुबह 9:03 बजे सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन का यह समय धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।
मकर संक्रांति की पूजा विधि (पावन अनुष्ठान) | Makar Sankranti Puja Vidhi
मकर संक्रांति के दिन अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पूजा विधि अपनाएं:
- सूर्योदय से पहले उठें: दिन की शुरुआत सूर्य देव को प्रणाम करने से करें।
- सफाई और शुद्धिकरण: अपने घर की सफाई करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।
- पवित्र स्नान: गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि यह संभव न हो, तो गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें।
- धार्मिक वस्त्र: पीले रंग के वस्त्र पहनें, जो आध्यात्मिकता और सकारात्मकता का प्रतीक हैं।
- अर्घ्य दें: सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें और अंजलि में तिल लेकर बहते जल में प्रवाहित करें।
- सूर्य देव की पूजा: पंचोपचार विधि से सूर्य देव की पूजा करें और सूर्य चालीसा का पाठ करें।
- आरती: पूजा के अंत में सूर्य देव की आरती करें।
- दान-पुण्य: अन्न, वस्त्र, तिल, और गुड़ का दान करें। यह दिन विशेष रूप से दान-पुण्य के लिए शुभ माना जाता है।
- पितृ तर्पण: अपने पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करें। यह कार्य उनकी आत्मा की शांति के लिए अत्यंत फलदायक है।
मकर संक्रांति का ज्योतिषीय प्रभाव | Astrological Impact of Makar Sankranti
सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश का ज्योतिषीय महत्व बहुत गहरा है। यह समय कर्म और धर्म की ओर अग्रसर होने का संकेत देता है। मकर संक्रांति 2025 में, निम्नलिखित राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा:
- मेष, सिंह और धनु: इन राशियों के लिए यह समय नई ऊर्जा और सफलता लेकर आएगा।
- कन्या और मकर: आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और नयी योजनाएं फलीभूत होंगी।
- मीन और तुला: पारिवारिक संबंधों में मजबूती और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन आएगा।
मकर संक्रांति 2025 एक ऐसा पर्व है जो आध्यात्मिकता, परंपरा, और खगोलीय महत्व का संगम है। इस दिन के धार्मिक अनुष्ठान, दान-पुण्य, और सूर्य देव की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। मकर राशि में सूर्य का प्रवेश न केवल एक नए आरंभ का संकेत देता है, बल्कि यह ब्रह्मांड और मानव जीवन के आपसी जुड़ाव को भी दर्शाता है। इस पावन अवसर को पूरी श्रद्धा, उदारता, और खुशी के साथ मनाएं।